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Akkarmashi

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Product details

  • Publisher ‏ : ‎ Vani Prakashan Publisher; First Edition (1 January 2014)
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Paperback ‏ : ‎ 152 pages
  • ISBN-10 ‏ : ‎ 9350727331
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 978-9350727331
  • Item Weight ‏ : ‎ 130 g
  • Dimensions ‏ : ‎ 20 x 14 x 4 cm
  • Country of Origin ‏ : ‎ India
  • Best Sellers Rank: #99,670 in Books

About the product

अक्करमाशी –
गाँव, भाषा, माँ, पिता, जाति, धर्म-इन सभी दृष्टियों से मैं खंडित हूँ गुमशुदा व्यक्तित्व लिए जीने वाला…मेरे अस्तित्व को ‘जारज’ कहकर सतत अपमानित किया गया है। ब्राह्मणों से लेकर शूद्रों तक सभी अपने खानदानी अभिमान और खानदानी अस्मिता लिए जीते हैं; परन्तु यहाँ मेरी अस्मिता पर ही बलात्कार हुआ है। बलात्कृत स्त्री की तरह मेरा यह जीवन। यहाँ की नीति ने मेरे साथ एक अपराधी की तरह ही आचरण किया है। मेरे जन्म को ही यहाँ अनैतिक घोषित किया गया है।
दुर्बलों पर आक्रमण करते समय, उनका शोषण करते समय सबलों ने हमेशा उनकी अबलाओं पर अत्याचार किये हैं। इन सबलों को यहाँ की सत्ता, सम्पत्ति, समाज, संस्कृति और धर्म ने समर्थन दिया है; परन्तु उस स्त्री का क्या होगा? उसे तो वह ‘बलात्कार’ अपने पेट में बढ़ाना पड़ता है। उस ‘बलात्कार’ को जन्म देना पड़ता है। उस ‘बलात्कार’ का पालन-पोषण करना पड़ता है और वह बलात्कार एक जीवन जीने लगता है। उसी जीवन की वेदना इस आत्मकथा में है।

About the author

शरणकुमार लिंबाले  (Sharankumar Limbale)

शरणकुमार लिंबाले  जन्म : 1 जून 1956 शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी. हिन्दी में प्रकाशित किताबें : अक्करमाशी (आत्मकथा) 1991, देवता आदमी (कहानी संग्रह) 1994, दलित साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र (समीक्षा) 2000, नरवानर (उपन्

Weight 130 g
Dimensions 20 × 14 × 4 cm

Brand

Vani prakashan

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